“KETU” Yantra (Copper)
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केतु यंत्र एक पवित्र ज्यामितीय आकृति है, जो वैदिक ज्योतिष में केतु ग्रह को समर्पित है। केतु एक छाया ग्रह है, जो आध्यात्मिकता, मोक्ष, और कर्म बाधाओं को दूर करने से जुड़ा है। तांबे (Copper) से बना केतु यंत्र अपनी उच्च ऊर्जा और शुद्धता के लिए जाना जाता है, क्योंकि तांबा सूर्य और मंगल की ऊर्जा से संबंधित है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है। यह यंत्र कुंडली में केतु के नकारात्मक प्रभावों को संतुलित करने में सहायक है।
तांबे के केतु यंत्र की विशेषताएं
सामग्री: यह यंत्र शुद्ध तांबे (Copper) से बना होता है, जो सूर्य और मंगल की ऊर्जा को संतुलित करता है।
आकार: सामान्यतः 3×3 इंच में उपलब्ध।
प्रमाणिकता: वैदिक रेखाचित्रों के आधार पर निर्मित और प्राण-प्रतिष्ठा (Energization) के बाद उपयोग के लिए तैयार।
ऊर्जा: तांबे की गर्म ऊर्जा केतु की रहस्यमयी शक्ति को संतुलित करती है और सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाती है।
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Description
तांबे के केतु यंत्र के लाभ
आध्यात्मिक विकास: यह यंत्र आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाता है और ध्यान, साधना, तथा आत्मिक शांति में सहायता करता है।
कर्म बाधाओं का निवारण: केतु से संबंधित नकारात्मक प्रभाव, जैसे मानसिक अशांति, भय, और कर्म बाधाओं को कम करता है।
सुरक्षा: यह यंत्र नकारात्मक शक्तियों, बुरी नजर, और तांत्रिक प्रभावों से रक्षा प्रदान करता है।
मानसिक स्पष्टता: तांबे की ऊर्जा अंतर्जनन (Intuition) और मानसिक शक्तियों को बढ़ाती है, जिससे सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।
स्वास्थ्य लाभ: यह यंत्र त्वचा रोग, हड्डी संबंधी समस्याएं, और केतु से जुड़ी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में सहायक है।
समृद्धि और सफलता: यह व्यवसाय में सफलता, शत्रुओं पर विजय, और समृद्धि को आकर्षित करने में मदद करता है।
तांबे के केतु यंत्र की स्थापना और पूजा विधि
स्थापना का समय और स्थान:
यंत्र को शुक्ल पक्ष के मंगलवार या रविवार को स्थापित करें।
इसे पूजा स्थल में उत्तर या पूर्व दिशा में स्वच्छ स्थान पर रखें।
पूजा की तैयारी:
स्नान कर स्वच्छ लाल, नारंगी, या पीले वस्त्र पहनें।
लकड़ी के पाटे पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर तांबे का केतु यंत्र रखें।
यंत्र पर गंगा जल छिड़कें और लाल चंदन का तिलक लगाएं।
घी का दीपक और धूप जलाएं।
मंत्र जप:
केतु गायत्री मंत्र: ॐ पद्मपुत्राय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो केतु: प्रचोदयात्
केतु तांत्रिक मंत्र: � Om Srang Sring Sraung Sah Ketave Namah
इन मंत्रों का जप रुद्राक्ष या लाल हकीक माला से कम से कम 21 बार या 11 दिन तक 23 माला करें।
पूजा सामग्री:
लाल फूल, लाल चंदन, धूप, और लाल मसूर की दाल अर्पित करें।
भगवान गणेश या शिव जी की मूर्ति/चित्र के साथ यंत्र की पूजा करें।
विशेष निर्देश:
पूजा को श्रद्धापूर्वक और गुप्त रूप से करें।
11 दिन की साधना के बाद यंत्र को पवित्र स्थान पर रखें या पीपल के पेड़ के नीचे दबा दें।
केतु यंत्र पूजा विधि
तांबे के केतु यंत्र की विशेषताएं
सामग्री: यह यंत्र शुद्ध तांबे (Copper) से बना होता है, जो सूर्य और मंगल की ऊर्जा को संतुलित करता है।
आकार: सामान्यतः 3×3 इंच में उपलब्ध।
प्रमाणिकता: वैदिक रेखाचित्रों के आधार पर निर्मित और प्राण-प्रतिष्ठा (Energization) के बाद उपयोग के लिए तैयार।
ऊर्जा: तांबे की गर्म ऊर्जा केतु की रहस्यमयी शक्ति को संतुलित करती है और सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाती है।
केतु यंत्र का महत्व
केतु ग्रह आध्यात्मिकता, रहस्य, और मोक्ष का प्रतीक है। यह सांसारिक मोह से मुक्ति और ईश्वर की ओर प्रेरित करता है। यदि कुंडली में केतु अशुभ स्थिति में हो, तो यह मानसिक अशांति, भय, या स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। तांबे का केतु यंत्र इन प्रभावों को कम करने और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है।
ध्यान रखने योग्य बातें
यंत्र को हमेशा स्वच्छ और पवित्र स्थान पर रखें।
नियमित रूप से इसकी पूजा करें ताकि इसकी शक्ति बनी रहे।
यंत्र को समय-समय पर मुलायम कपड़े से साफ करें ताकि तांबे की चमक बनी रहे।
स्थापना से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लें।
नोट: तांबे का केतु यंत्र श्रद्धा, विश्वास, और नियमित पूजा के साथ उपयोग करने पर अधिक प्रभावी होता है। यह न केवल केतु के दुष्प्रभावों को कम करता है, बल्कि आध्यात्मिक और मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
Additional information
Weight | 200 g |
---|---|
Dimensions | 20 × 3.5 × 10 cm |
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“KETU” Yantra (Copper)
Original price was: ₹899.00.₹599.00Current price is: ₹599.00.
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